Monday, July 04, 2022
Sunday, July 03, 2022
गन्ने की फसल में चोटी बधेक कीट* *(Top borer)*
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इस कीट की सुंडी अवस्था ही हानि पहुंचाती है। यह कीट पूरे वर्ष में 4 से 5 पीढ़ियां पाई जाती हैं। इसे किसान कन्फ्ररहा, गोफ का सूखना आदि नामों से जानते हैं।
*कीट की पहचान -* इसका प्रौढ़ कीट चांदी जैसे सफेद रंग का होता है तथा मादा कीट के उदर भाग के अंतिम खंड पर हल्के गुलाबी रंग के बालों का गुच्छा पाया जाता है। इस कीट की सुंडी हल्के पीले रंग की होती है, जिस पर कोई धारी नहीं होती है।
*हानियां -* इस कीट की मादा सुंडी पौधों की दूसरी या तीसरी पत्ती की निचली सतह पर मध्य शिरा के पास समूह में अंडे देती है। इसकी सुंडी पत्ती की मध्य शिरा से प्रवेश कर गोंफ़ तक पहुंच जाती है तथा पौधे के वृद्धि वाले स्थान को खाकर नष्ट कर देती है,जिससे कि गन्ने की बढ़वार रुक जाती है। प्रभावित पौधे की गॉफ छोटी तथा कत्थई रंग की हो जाती है, जो कि खींचने पर आसानी से नहीं निकलती है। गन्ने की पत्ती की मध्य शिरा पर लालधारी का निशान तथा गॉफ़ के किनारे की पत्तियों पर गोल छर्रे जैसा छेद पाया जाता है। इस कीट की प्रथम एवं द्वितीय पीढ़ी के आपतन से गन्ने के पौधे पूर्ण रूप से सूख जाते हैं तथा तृतीय पीढ़ी से पौधों की बढ़वार रुक जाने के कारण उपज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है व पौधों की लंबाई कम हो जाती है। इस कीट के आपतन से 20 से 35 प्रतिशत तक हानि होती है। इस कीट की तीसरी एवं चौथी पीढ़ी के आपतन से गन्ने में बंची टॉप का निर्माण हो जाता है।
*जीवन चक्र-* मादा अपने जीवन काल में 250 से 300 अंडे कई अंड समूह में देती है। जिनकी संख्या 6 से 70 तक रहती है। इस कीट का अंड काल 6 से 8 दिन, सुंडी काल 36 से 40 दिन, एवं प्यूपा काल 8 से 10 दिन तक रहता है तथा जीवन काल 53 से 65 दिन तक रहता है।
*पीढ़ियां-
प्रथम - मार्च से अप्रैल तक
द्वितीय - मई के द्वितीय सप्ताह से जून के द्वितीय सप्ताह तक
तृतीय - जून के तृतीय सप्ताह से अगस्त के प्रथम सप्ताह तक
चतुर्थ - अगस्त के प्रथम सप्ताह से मध्य सितंबर तक
पंचम - मध्य सितंबर से फरवरी के अंतिम सप्ताह तक।
*नियंत्रण -* 1- प्रथम एवं द्वितीय पीढ़ी से प्रभावित पौधों को सुंडी सहित पतली खुर्पी की सहायता से जमीन की गहराई से काट कर खेत से निकाल कर नष्ट कर देना चाहिए।
2- प्रथम एवं द्वितीय पीढ़ी को नियंत्रण के लिए फरवरी - मार्च में गन्ना बुवाई के समय कीट नाशक वर्टोको 5 से 7 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से कुड़ों में प्रयोग करना चाहिए।
3- कीटनाशक वार्टको 5 से 7 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक तृतीय पीढ़ी के लिए पर्याप्त नमी की दशा में पौधों की जड़ों के पास प्रयोग करना चाहिए।
4 - 150 ML कोराजन 400 लीटर पानी में घोल बनाकर दूसरी एवं तीसरी पीढ़ी के लिए मई के अंतिम सप्ताह से जून के प्रथम सप्ताह में जड़ों के पास डेचिंग करें तथा 24 घंटे के अंदर खेत की सिंचाई अवश्य कर दें। बीके शुक्ला अपर गन्ना आयुक्त गन्ना एवं चीनी विभाग उत्तर प्रदेश सरकार
Wednesday, June 29, 2022
जैविक खाद बनाने का भरोसेमंद एवं सस्ता विकल्प है ‘प्रोम’ (PROM)
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जैविक खाद बनाने का भरोसेमंद एवं सस्ता विकल्प है ‘प्रोम’ (PROM)
26 Jul 2019
क्या आप जानते हैं फसल के उत्पादन में फॉस्फेट तत्व का प्रमुख योगदान होता है! रासायनिक उर्वरकों के लगातार उपयोग करने से खेती की लागत भी बढ़ती जा रही है, जमीन सख्त हो रही है, भूमि में पानी सोखने की क्षमता घटती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ भूमि तथा उपभोक्ताओं के स्वास्थ पर प्रतिकूल असर भी पड़ रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नया उत्पाद विकसित किया गया है, जिसमें कार्बनिक खाद के साथ-साथ रॉक फॉस्फेट की मौजूदगी भी होती है। जिसे हम प्रोम के नाम से जानते हैं।
‘प्रोम’ को विस्तार पूर्वक समझते हैं
प्रोम (फॉस्फोरस रिच आर्गेनिक मैन्योर) तकनीक से जैविक खाद घर पर भी तैयार की जा सकती है। प्रोम, जैविक खाद बनाने की एक नई तकनीक है। जैविक खाद बनाने के लिए गोबर तथा रॉक फॉस्फेट को प्रयोग में लाया जाता है। रॉक फॉस्फेट की मदद से रासायनिक क्रिया करके सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) तथा डाई अमोनियम फॉस्फेट (DAP) रासायनिक उर्वरक तैयार किए जाते हैं।
प्रोम में विभिन्न फॉस्फोरस युक्त कार्बनिक पदार्थों जैसे- गोबर खाद, फसल अपशिष्ट, चीनी मिल का प्रेस मड, जूस उद्योग का अपशिष्ट पदार्थ, विभिन्न प्रकार की खली और ऊन के कारखानों का अपशिष्ट पदार्थ आदि को रॉक फॉस्फेट के साथ कम्पोस्टिंग करके बनाया जाता है। प्रोम मिनरल उर्वरक एवं जैविक खाद का मिश्रण है जो केवल कृषि में उपयोग के लिये काम में लाया जाता है। प्रोम का उपयोग पौधों को फॉस्फोरस (फॉस्फोरस पादप पोषक तत्व) उर्वरक प्रदान करने के लिए किया जाता है। जीवाणु राॅक फोसफोरस को पचा कर उसे गोबर में उपलब्ध करते हेै इस कारण प्रोम शुद्व रुप से जैविक है।
प्रोम से क्या-क्या फायदे हैं :
जैविक खाद से अनाज, दालें, सब्जी व फलों की गुणवत्ता बढ़ाने से अच्छा स्वाद मिलता है।
रोगों में रोधकता आने से मानव के स्वास्थ्य पर बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाने की विधि बहुत ही सरल है।
प्रत्येक किसान, जिसके यहां गोबर उपलब्ध है, आसानी से अपने घर पर जैविक खाद बनाकर तैयार कर सकता है।
किसान DAP व SSP खरीदने पर जितने पैसा खर्च करता है उससे कम पैसे में प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाकर भरपूर फसल पैदा कर सकता है।
प्रोम मिट्टी को नरम बनाने के साथ-साथ पोषक तत्वों की उपलब्धता लंबे समय तक बनाये रखता है।
प्रोम लवणीय व क्षारिय भूमि में भी प्रभावी रूप में काम करता है जबकि DAP ऐसी भूमि मे काम नहीं करता है।
जैविक खाद को घर पर बनाने की प्रक्रिया :
‘फॉस्फोरस रिच जैविक खाद’ घर पर भी रॉक फॉस्फेट के द्वारा बनाई जा सकती है। रॉक फॉस्फेट के अलग-अलग रंग होते हैं, रॉक फॉस्फेट एक तरह का पत्थर है जिसके अंदर 22 फीसदी फॉस्फोरस मौजूद है जो कि फिक्स फोम में होता है। प्रोम बनाने के लिए कमर्शियल में 10 फीसदी के आसपास फॉस्फोरस मेंटेन किया जाता है लेकिन हम घर पर बनाने के लिए 18%,19% या 20 फीसदी तक फॉस्फोरस इस्तेमाल में ले सकते हैं। इसे बनाने के लिए किसी भी जानवर का गोबर ले सकते हैं, घर में मौजूद कूड़ा-कर्कट या फिर फसलों के अवशेष जिससे खाद बनाते हैं (प्लांट बेस्ड) वो भी ले सकते हैं। Dr absinth kisan sankalp bazar
Monday, June 27, 2022
पशुपालन एवं वेटरनरी कृत्रिम गर्भाधान के विभिन्न कोर्सों में दाखिल लेकर रोजगार प्राप्ति करें
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आजकल बेरोजगारी के समय में कृषि और पशुपालन रोजगार की अपार संभावना है बिचपुरी आगरा में संचालित वेटरनरी कॉलेज विभिन्न कोर्सों में दाखिल होकर सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं और कुमार प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं निजी का कार्य किसी कंपनी में नौकरी इत्यादि कर सकते हैं
http://aitajagra.com/ कृपया डिटेल जानकारी वेबसाइट एवं कॉलेज से प्राप्त कर सकतेे हैं
5 वी, 8 वी, 10 वी, 12वी पास छात्र के लिए सुनेहरा अवसर
*कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान*
भारत सरकार सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त
NSDC , Agriculture council of India
कोर्स के बाद सुनिश्चित रोजगार की गारण्टी
*कोर्स का नाम* Artificial Insemination Technician (कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन)🐄🐂🐃
*अवधि* 3 माह
*योग्यता* 8 और 10 पास
*फीस* 30000 मात्र
*कोर्स का नाम* Dairy Farming/ Enterpreneur
(डेयरी फार्मिंग / उद्यमी)🐃🥛
*अवधि* 1 माह
*योग्यता* 5 वी पास
*फीस* 15000/- मात्र
*कोर्स का नाम* Dairy Farmer Supervisor
(डेयरी किसान पर्यवेक्षक)🥛
*अवधि* 2 माह
*योग्यता* 12 वी पास
*फीस* 25000/- मात्र
*कोर्स का नाम* Veterinary Clinical 🏥Assistant
(पशु चिकित्सा नैदानिक सहायक)🐕🐩🦮🐕🦺🐈🐈⬛
*अवधि* 2 sal
*योग्यता* 12 वी पास
*फीस* 60000/- मात्र
*कोर्स का नाम* Animal Health Worker (first Aid)
पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता (प्राथमिक चिकित्सा)🐃🦮🐈🐐🐎
*अवधि* 2 माह
*योग्यता* 8 वी पास
*फीस* 20000/- मात्र
*आज ही प्रवेश ले और अपना कैरियर बनाएं*
कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान
पथौली नहर, जयपुर हाईवे बिचपुरी आगरा।
मोबाइल नंबर- 9520978721
Thursday, June 23, 2022
भूमि के लिए संजीवनी - " हरी खाद (Green Manure) " :-
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Wednesday, June 22, 2022
सीएसए ने राई की नई प्रजाति सुरेखा
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*फसल संबंधित सलाह डॉक्टर ए के सिंह
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मसरूम या खुम्भ एक पौष्टीक तथा खाने योग्य कवक है इसमे २० - ३० % सुलभ प्रोटीन एवं लेयूसीन तथा ट्रिप्टोफेन नमक दुर्लभ अमीनो अम्ल पाए जा...
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