रजनीगंधा (Tuberose) उन फूलों में से एक हैं जो सबसे ज्यादा खुशबूदार होते हैं और इनकी खुशबू इतनी ज्यादा होती हैं कि एक बार ये घर पर उगने लगें तो पूरा घर महकने लगता हैं। रजनीगंधा को बहुत आसानी से गमले में उगा सकते हैं।
■ रजनीगंधा उगाने का तरीका
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रजनीगंधा के पौधे को आखिरी ठंड के बाद बसंत में लगाना चाहिए। भारत में मार्च से अप्रैल के बीच रजनीगंधा के पौधे का रोपण करना अच्छा रहता हैं। आप इसे उगाने के लिए इसके कंद (bulbs) किसी नर्सरी या फिर ऑनलाइन स्टोर से खरीद लीजिए। इसके कंद को लगाने के लिए वेल-ड्रेन मिट्टी चाहिए। अगर आपके पास नॉर्मल गार्डन की मिट्टी हैं तो आप उसे 60% लें और बाकी 40% में कोकोपीट, कम्पोस्ट और रेत मिलाएं। फिर इस मिट्टी को गमले में भरें और रजनीगंधा के कंद को मिट्टी में तीन से चार इंच की गहराई में डालें। ध्यान दें कंद का नुकीला सिरा ऊपर की ओर रहे। फिर इसे मिट्टी से पूरी तरह ढ़क दें और पानी डालकर गमले को ऐसी जगह रखें, जहां कम से कम 4-5 घंटे की धूप आती हो। हफ्ते में केवल दो-तीन बार ही पानी डालें, ज्यादा पानी डालने से कंद सड़कर खराब भी हो सकते हैं, लगभग 10 से 15 दिन में रजनीगंधा के कंद अंकुरित होने लगते हैं।
■ रजनीगंधा के पौधे की देखभाल कैसे करें :-
▪︎ रजनीगंधा लगाने के बाद उसकी मेंटेनेंस के लिए आपको सबसे पहले ये ध्यान रखना हैं कि इसे मीडियम पानी दें। न तो बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम, इसकी मिट्टी सूखनी नहीं चाहिए। हां, जब ये जर्मिनेट हो जाए तो थोड़ा और पानी दे सकते हैं।
▪︎ रजनीगंधा के पौधे को ऐसी जगह पर रखें जहां कम से कम 4-5 घंटे की धूप पड़ती हो। रजनीगंधा 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे का तापमान बर्दाश्त नहीं कर सकता और इसलिए इसे सर्दियों में न उगाएं।
▪︎ इसमें ज्यादा पोटैशियम वाला कोई भी फर्टिलाइजर डाल सकते हैं। आप चाहें तो इसमें केले के छिलके का लिक्विड फर्टिलाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
▪︎ इसका ग्रोइंग सीजन करीब 4 महीने का रहता हैं और एक बार पौधा फूल देने लगे तो आप उन्हें काटकर अपने घर को डेकोरेट कर सकते हैं। इससे पौधे की ग्रोथ पर या आने वाले फूलों पर कोई असर नहीं होगा। पोस्ट पसंद आया हो तो Like करके इस पेज को Follow जरूर करें, धन्यवाद
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