जाले। किसानों के खेतो में लगा धान के पौधा में किटव्याधी का प्रकोप देखा जा रहा है। कीट व्याधि फसल को लेकर किसान चिंतित है। इस आशय की जानकारी मिलते ही कृषि विभाग ने कृषि विभाग को अपने चिंता से उच्चाधिकारी को अवगत कराया है। इस आलोक में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने किसानों को सलाह दिया है। पौधा संरक्षक वैज्ञानिक डॉ. गौतम कुणाल ने कहा कि फसल की बुआई से लेकर कटाई तक धान की फसल की निरंतर निगरानी करनी पड़ती है। जरा सी चूक हुई और फसल बर्बाद हो सकता है। यह फसल प्राकृतिक चुनौतियां (अल्प वृष्टि) से उबरने के बाद कीट व रोग की समस्या उसके पश्चात पोषक तत्वों की कमी के कारण होने वाली समस्याओं से जूझता है। जिला के किसानों के साथ-साथ सीमावर्ती मुजफ्फरपुर जिला के कटरा प्रखंड के लखनपुर के किसान नवल कुमार के द्वारा भेजे गए धान के पौधा एवं उनके खेतों का निरीक्षण से प्रतीत होता है कि यह फसल जिंक की कमी से ग्रसित है। इसकी जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, जाले के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. गौतम कुणाल ने बताया कि प्राय: यह देखा गया है कि जिंक (जस्ता) की कमी प्राय: गहन फसल वाली मिट्टी, धान की मिट्टी और बहुत खराब जल निकासी वाली मिट्टी में देखा गया है। इसकी कमी पौधे की बढ़वार को प्रभावित करती हैं। जिंक की कमी के कारण पौधे की वृद्धि गंभीर रूप से प्रभावित होती है। फसल बुवाई के 15 से 20 दिनों के बाद से ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उन्होंने बताया कि जस्ता की कमी के कारण पौधे छोटे रह जाते हैं, और उनकी ऊपरी पत्तियों पर भरे-भूरे धब्बे दिखाई देने लगते हैं। एक ही समय पर लगाइ गइ फसले आसमानता रूप से दिखाई देते हैं। खेतों में इसकी अत्यधिक कमी के कारण धान की बालियों में बांझपन की समस्या बढ़ जाती है। कभी-कभी पत्ती की मध्य शिरा के साथ सफेद रेखा दिखाई देती है। कई बार धान से कल्ले निकलना कम हो जाता है और पूरी तरह से रुक सकता है और फसल के पकने का समय बढ़ जाता है। इसके निदान हेतु बुआई पूर्व धान लगने वाले खेत में 40-50 किलो/ हेक्टर की दर से जिंक सल्फेट भूमि में जुताई के समय डालें और अच्छी तरह मिलायें। खड़ी फसल पर 0.5 प्रतिशत जिंक सल्फेट का घोल तैयार कर छिड़काव करें। धान की रोपाई के पहले 2-4 प्रतिशत जिंक आॅक्साइड (डेड एन ओ) के घोल में जड़ों को डुबोकर उपचारित करके ही रोपाई करें। इस निदान पर फसल में अच्छा दाना होगा।
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vigyan kee samachaar ke liye dekhe