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Wednesday, October 20, 2021

बैंगन के कीड़ों और रोगों का प्रकोप

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  इन  से बैंगन की फसल को बहुत नुकसान होता है। पौधों की सही देखभाल कर हम अपने पौधों को 
इनसे बचा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कुछ प्रमुख रोगों और कीटों के बारे में।
बैंगन के पौधों में लगने वाले कीट

तना एवं फल बेधक : यह कीट पत्तों के साथ बैंगन को भी अंदर से खाते हैं। इससे फसल को बहुत नुकसान होता है। स्किट कपड़ा फ्रॉड पतंगा सफेद रंग का होता है इसके पंखों पर गुलाबी भूरे रंग के निशान होते हैं इसकी सुड़ियां गुलाबी रंग की होती है यह पौधे के कलगी और फलों को छेद डालती है पौधों की कलियां मुरझा कर गिर जाती हैं ग्रसित फलों में सुरंग बनाकर उनको खाती हैं ग्रसित फलों के क्षेत्रों में कीट का मल भरा रहता है जिससे इनकी कीमत घट जाती
बैगन का तना छेदक इस कीट का पतंगा का मक्खन की तरह सफेद होता है सोनिया पौधों को तनु को छेद टी हैं तथा अंदर ही अंदर खाकर हानि पहुंचाती हैं प्रभावित पौधा मुरझा को सूखने लगता है
लाल मकड़ी : लाल मकड़ी पत्तों के नीचे जाल फैलाती है और पत्तों का रस चूसती है। इसके कारण पत्ते लाल रंग के दिखने लगते हैं।

जैसिड : यह कीट भी पत्तों के नीचे लग कर उसका रस चूसते हैं। इससे पत्तियां पीली और पौधे कमजोर हो जाते हैं।

जड़ निमेटोड : इससे पौधों की जड़ों में गांठ बन जाता है। पत्तों का पीला होना और उनका विकास रुक जाना इसका प्रमुख लक्षण है।

एपीलैक्ना बीटल : यह पत्तों को खाने वाला लाल रंग का छोटा कीड़ा होता है। यह बैगन आलू टमाटर दाल लौकी जारी की सब्जियों को क्षति पहुंचाता है इसका प्रवर्तित लगभग गोलाई लिए हुए तथा पीठ उभरा हुआ होता है ऊपरी  पंख पर काले धब्बे होते हैं फिर सिर धड़ में धसा होता है  किसकी गिराड़े शिशु पीले रंग की नाव के आकार की तथा कांटेदार होती है  paud तथा शिशु दोनों पत्तियों के हरे भाग को खाती है तो केवल शिराएं शेष रह जाती हैं माता द्वारा पक्षियों की निकली सदाबहार के आकार के पीले अंडे 1330 के झूठे में दिए जाते हैं  peupa पत्तियों में अथवा तने के समीप भाग में बनता है

बैंगन के पौधों में होने वाले रोग

बिचड़ा गलन (डैम्पिंग ऑफ़) : इस रोग के कारण बीज प्रस्फुटित हो कर मर जाते हैं। इसके अलावा इस रोग से बिचड़ा भी बड़ा हो कर मर जाता है।

छोटे पत्तों का रोग : इस रोग के कारण पत्ते छोटे हो जाते हैं और पौधों में फसल नहीं लगती है।

जीवाणु उखड़ा : इस रोग में पौधों के विकास रुक जाता है। पत्ते पीले होने के बाद पौधे सूख जाते हैं।

मोजैक : यह रोग एक प्रकार के जीवाणु के कारण होता है। इस रोग में पत्तों पर मोजैक जैसा दिखने लगता है।

फोमोप्सिस अंगमारी : इस रोग में पत्तों के साथ जमीन से सटे बैंगन पर धब्बे बनने लगते हैं। इसके साथ ही पत्ते पीले हो कर झड़ने भी लगते हैं।

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