Thursday, March 19, 2020
Sunday, February 23, 2020
1 एकड़ से शुरू की सब्जी की खेती, अब 15 एकड़ में, सालाना मुनाफा Rs.15 लाख / 1 एकड़ से शुरू की सब्जी की खेती, अब 15 एकड़ में, सालाना मुनाफा Rs.15 लाख
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February 23, 2020 in सब्जी खरबूजा
आर्थिक तंगी के शिकार संगरूर के किसान विंदर सिंह ने मौत को गले लगाने की बजाए सब्जियों की खेती करने का फैसला लिया। एक एकड़ से शुरू की गई सब्जी की खेती आज 15 एकड़ तक फैल चुकी है। ऐसे में विंदर सिंह रिवयाती फसलों के मुकाबले प्रति एकड़ 1 लाख रुपए तक प्रति वर्ष अधिक आमदन ले रहा है। विंदर सिंह की अग्रनीय सोच को देखते हुए पंजाब सरकार ने वर्ष 2017 में उन्हें मुख्यमंत्री अवार्ड से सम्मानित किया। उनकी देखादेखी अब इलाके के दूसरे किसान भी सब्जी की पैदावार के लिए जानकारी जुटाने के लिए विंदर सिंह को अपने खेतों में बुलाने लगे हैं। गांव चट्ठा ननहेड़ा के किसान विंदर के चार भाई हैं। चारों भाईयों के पास सांझी 8 एकड़ जमीन है परंतु रिवायती फसलों से परिवार का गुजारा नहीं हो रहा था। ऐसे में विंदर सिंह ने 1997 में रिवायती फसलों से हटकर कुछ अलग करने का फैसला किया। जिसके चलते एक एकड़ में मिर्च की खेती की गई। इसके लिए पंजाब खेतीबाड़ी यूनीवर्सिटी की फार्म सलाहकार संस्था के अधिकारियों की मदद ली गई। मिर्च की पहली फसल से रिवायती फसल के मुकाबले 40 हजार से अधिक आमदन हुई तो हौसला आैर बुलंद हो गया। सभी भाईयों ने साथ दिया तो सब्जी की खेती को आगे बढ़ाया गया।
इनसे सीखें किसानी
पंजाब सरकार मालेरकोटला के किसान विंदर सिंह की एडवांस सोच को देखते हुए मुख्यमंत्री अवार्ड से कर चुकी है सम्मानित
मौसम बनता है बाधा: विंदर सिंह का कहना है कि सब्जी की खेती में मौसम अनुकूल नहीं रहता। ऐसे में पॉलीहाउस तैयार किया है। मलचिंग सीट से सब्जियों को ढका जाता है। पानी ड्रिप सिस्टम से लगाया जा रहा है ताकि पैदावार ज्यादा मिल सके।
2017 में मिला सम्मान: पंजाब सरकार ने 2017 के लिए रिवायती फसलों से अच्छी पैदावार लेने और बागबानी में अच्छे नतीजे लाने वाले किसानों का विवरण मांगा था। पंजाब से कुल 50 किसानों के विवरण पहुंचे। इसमें से 8 किसानों को चुना गया। जिनके खेतों का माहिरों की टीम की ओर से सर्वे किया गया। इसके बाद सरकार ने पंजाब में बागबानी की श्रेणी में उसे मुख्यमंत्री अवार्ड से सम्मानित किया।
एक एकड़ में 5 लाख का खरबूजा भी उगाया
उन्होंने बताया कि वह 10 कक्षा तक ही शिक्षित हैं परंतु सब्जियों की खेती के लिए लगातार पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करते रहे हैं। ऐसे में उसने एक एकड़ जमीन से 4 लाख 85 हजार के खरबूजे की पैदावार भी की है। लगातार 4 वर्षों तक डेढ एकड़ जमीन पर खीरे और मिर्च की खेती से 6 लाख रूपए तक की आमदन की है। जबकि रिवायती फसलों से वर्ष के सीजन में 65 हजार से अधिक आमदन नहीं की जा सकती है।
कई जिलों से आ रहे सब्जी के खरीदार
उनके पास सब्जी की पूरी विरायटी होने के कारण व्यापारी सीधे उनके खेत तक पहुंचने लगे तो उन्हें सब्जी की बिक्री के लिए भी अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी। वर्तमान समय में उनकी सब्जी सुनाम, संगरूर, मालेरकोटला समेत पटियाला जिले के भी कई शहरों में जा रही है। लोग सब्जी उनके नाम से खरीदने लगे हैं। जिसे पता चलता है कि यह सब्जी विंदर सिंह के खेत से आई तो व्यापारी अधिक पर्ख भी नहीं करता है क्योंकि वह सब्जियों पर ग्रीन कीटनाशक दवा का ही इस्तेमाल करते हैं। कभी जहरीली दवा को सब्जी पर इस्तेमाल नहीं किया है। विंदर सिंह की सब्जियों की खेती में सफलता को देखते हुए गांव समेत आसपास के किसान भी सब्जियों की खेती करने लगे हैं। गांव के किसान अमरीक सिंह, जगसीर सिंह और शिंदी का कहना है कि वह भी रिवायती फसलों को कम करके सब्जियों की खेती की तरफ जा रहे हैं जिससे मुनाफा होने लगा है। उन्होंने कहा कि दूसरे किसानों को भी रिवायती फसलों से मोह भंग करना होगा।
sabhar : bhaskar.com
इनसे सीखें किसानी
पंजाब सरकार मालेरकोटला के किसान विंदर सिंह की एडवांस सोच को देखते हुए मुख्यमंत्री अवार्ड से कर चुकी है सम्मानित
मौसम बनता है बाधा: विंदर सिंह का कहना है कि सब्जी की खेती में मौसम अनुकूल नहीं रहता। ऐसे में पॉलीहाउस तैयार किया है। मलचिंग सीट से सब्जियों को ढका जाता है। पानी ड्रिप सिस्टम से लगाया जा रहा है ताकि पैदावार ज्यादा मिल सके।
2017 में मिला सम्मान: पंजाब सरकार ने 2017 के लिए रिवायती फसलों से अच्छी पैदावार लेने और बागबानी में अच्छे नतीजे लाने वाले किसानों का विवरण मांगा था। पंजाब से कुल 50 किसानों के विवरण पहुंचे। इसमें से 8 किसानों को चुना गया। जिनके खेतों का माहिरों की टीम की ओर से सर्वे किया गया। इसके बाद सरकार ने पंजाब में बागबानी की श्रेणी में उसे मुख्यमंत्री अवार्ड से सम्मानित किया।
एक एकड़ में 5 लाख का खरबूजा भी उगाया
उन्होंने बताया कि वह 10 कक्षा तक ही शिक्षित हैं परंतु सब्जियों की खेती के लिए लगातार पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करते रहे हैं। ऐसे में उसने एक एकड़ जमीन से 4 लाख 85 हजार के खरबूजे की पैदावार भी की है। लगातार 4 वर्षों तक डेढ एकड़ जमीन पर खीरे और मिर्च की खेती से 6 लाख रूपए तक की आमदन की है। जबकि रिवायती फसलों से वर्ष के सीजन में 65 हजार से अधिक आमदन नहीं की जा सकती है।
कई जिलों से आ रहे सब्जी के खरीदार
उनके पास सब्जी की पूरी विरायटी होने के कारण व्यापारी सीधे उनके खेत तक पहुंचने लगे तो उन्हें सब्जी की बिक्री के लिए भी अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी। वर्तमान समय में उनकी सब्जी सुनाम, संगरूर, मालेरकोटला समेत पटियाला जिले के भी कई शहरों में जा रही है। लोग सब्जी उनके नाम से खरीदने लगे हैं। जिसे पता चलता है कि यह सब्जी विंदर सिंह के खेत से आई तो व्यापारी अधिक पर्ख भी नहीं करता है क्योंकि वह सब्जियों पर ग्रीन कीटनाशक दवा का ही इस्तेमाल करते हैं। कभी जहरीली दवा को सब्जी पर इस्तेमाल नहीं किया है। विंदर सिंह की सब्जियों की खेती में सफलता को देखते हुए गांव समेत आसपास के किसान भी सब्जियों की खेती करने लगे हैं। गांव के किसान अमरीक सिंह, जगसीर सिंह और शिंदी का कहना है कि वह भी रिवायती फसलों को कम करके सब्जियों की खेती की तरफ जा रहे हैं जिससे मुनाफा होने लगा है। उन्होंने कहा कि दूसरे किसानों को भी रिवायती फसलों से मोह भंग करना होगा।
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Saturday, February 15, 2020
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