खीरा जिसका वानस्पतिक नाम कुकुमिस सेताइबस है इसका सब्जियों में महत्वपूर्ण स्थान है इसका उपयोग मुख्या रूप से सलाद और अचार के लिए किया जाता है इसके फलो का उपयोग मुख्या रूप से सब्जी और खीर बनाने में किया जाता है |
प्रमुख जातियां - शीतल , प्वईन्सेट ,कल्यानपुर हरा लम्बा , पूना खीरा
बोने का समय - गरमी की फसल फरवरी से मार्च एवम बरसात की फसल जून जुलाई में लगाते है
बीज की मात्रा- एक हेक्टेयर की बुआई के लिए २-२.५ किलोग्राम बीज लगता है
बीज सोधन- बीज को शोधित करने के लिए थिरम या कैप्टान की दवा की ३ ग्राम मात्रा प्रति किलो बीज के लिए पर्याप्त होती है दवा को बीज में अच्छी तरह से मिला देना चाहिए
बीज की बुआई - खेत में कतार से कतार १.५- २.० मीटर के अंतर पर ३० सेमी चौड़ी नाली बना लेते है इस नाली के दोनों किनारों पर ३० - ४० सेमी की दूरी पर बीज की बुआई करते है एक जगह पर दो बीजो की बुआई करते है फसल ज़माने पर एक पौधा निकाल देते है तथा आवश्कता नुसार नालियों में सिचाई करते है
फलो की तुड़ाई - जब फल कोमल अवं मुलायम हो तभी तोड़ना चाहिए फलो की तुडाई ४-५ दिन के अंतर पर करना चाहिए
उपज- १५० कुंतल प्रति हेक्टेयर
प्रमुख जातियां - शीतल , प्वईन्सेट ,कल्यानपुर हरा लम्बा , पूना खीरा
बोने का समय - गरमी की फसल फरवरी से मार्च एवम बरसात की फसल जून जुलाई में लगाते है
बीज की मात्रा- एक हेक्टेयर की बुआई के लिए २-२.५ किलोग्राम बीज लगता है
बीज सोधन- बीज को शोधित करने के लिए थिरम या कैप्टान की दवा की ३ ग्राम मात्रा प्रति किलो बीज के लिए पर्याप्त होती है दवा को बीज में अच्छी तरह से मिला देना चाहिए
बीज की बुआई - खेत में कतार से कतार १.५- २.० मीटर के अंतर पर ३० सेमी चौड़ी नाली बना लेते है इस नाली के दोनों किनारों पर ३० - ४० सेमी की दूरी पर बीज की बुआई करते है एक जगह पर दो बीजो की बुआई करते है फसल ज़माने पर एक पौधा निकाल देते है तथा आवश्कता नुसार नालियों में सिचाई करते है
फलो की तुड़ाई - जब फल कोमल अवं मुलायम हो तभी तोड़ना चाहिए फलो की तुडाई ४-५ दिन के अंतर पर करना चाहिए
उपज- १५० कुंतल प्रति हेक्टेयर