#आवाज_एक_पहल
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केसर दुनिया में उगाए जाने वाले तमाम पौधों में सबसे बेशकीमती माना जाता है। डेढ़ लाख से लेकर तीन लाख प्रति किलोग्राम तक बिकने वाला केसर दरअसल एक तरह का मसाला हैं।इतना महंगा होने के कारण इसे लाल सोना भी कहा जाता है |
भारत में केसर का मुख्य रूप से कश्मीर में पुलवामा समेत तीन-चार जिलों में ही उत्पादन होता रहा है.देश में सिर्फ 17 टन केसर की पैदावार होती है . दुनियाभर में करीब 300 टन केसर की पैदावार होती है. ईरान दुनियाभर में केसर उत्पादन में नंबर वन है. दुनिया में जितनी केसर पैदा होती है उसका करीब 90 फीसदी ईरान में ही पैदा होता है.
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश और बिहार के भी कई किसानों ने इसका सफल उत्पादन कर कृषि वैज्ञानिकों को हैरत में डाल दिया है.
पहली नजर में केसर का उत्पादन हर किसी को लुभाता है हालांकि बारीकी से इस पर गौर करें तब आपको समझ में आएगा कि केसर का उत्पादन में भी आमदनी कुछ बाकी फसलों के जैसा ही है।
भले ही एक किलोग्राम केसर डेढ़ लाख से तीन लाख तक बिकता है लेकिन इसी एक किलोग्राम के केसर को तैयार करने के लिए तकरीबन एक लाख फूलों की आवश्यकता पड़ती हैं। बड़े सलीके से हर एक फूल से केसर को निकाला जाता है और काफी श्रम के बाद एक किलो केसर तैयार होता है। वहीं जहां तक उत्पादन की बात करें तो एक हेक्टेयर में तकरीबन 2 से 3 किलो तक केसर का उत्पादन संभव हो पाता है। कुल मिलाकर देखें तो 1 हेक्टेयर से किसान 3 से 5 लाख टर्न ओवर प्राप्त होता है जिसमें खर्चे भी काफी होते हैं।
केसर हमारे शरीर को कई फायदे देती है जिससे की हृदय रोग सम्बंधित सभी तरह की बीमारी दूर हो जाती है. और रक्त शोधक की क्षमता भी बढ़ जाती यही और यह हमारे चेहरे को साफ़ करने के लिए भी उपयोगी होता है जिससे की हमारा चेहरा गोरा हो जाता है और किसी तरह की झाईयाँ या फोड़े फुंसी नहीं होते है .
केसर की खेती
केसर की सबसे महत्वपूर्ण चीज़ ये है की आपको ध्यान रखना है की आप जिस भूमि पर केसर की खेती कर रहे है तो वह भूमि चिकनी, बलुई मिट्टी या फिर दोमट मिट्टी की हो जिसमे की पानी की निकासी आराम से हो जाये क्योकि अगर खेती में पानी का जमाव होगा तो फसल बर्बाद होने का भय रहता है क्योकि पानी के जमाव के कारण उसमे corms सड़ जाते है .
देखभाल करना
खेत को अधिक ज्यादा आवश्यतकता धुप की पड़ती है इसीलिए काम से काम 8 घंटे की धुप कसी भी खेती के लिए आवश्यक है इसीलिए ध्यान रहे की सिंचाई के बाद खेतो में जंगली घास आना शुरू हो जाती है इसीलिए आपको समय-2 पर उस घास को काटते रहना चाहिए |
फूल का समय
जब आपकी खेती शुरुआत की प्रक्रिया पूरी हो जाये तो आपका केसर का पौधा निकलने लग जाता है उसके बाद इसमें फूल लगना भी आरम्भ हो जाता है और कम से कम 1 महीने तक फूल लगा रहता है इसीलिए आपको यह ध्यान देना है की फूल पर किसी तरह के हानिकारण कीट या कीड़े न लगे हो |
कटाई व सुखाई
फसल के पुरे होने के बाद हम केसर के फूल को तोड़ लेते है और उसे धुप में सुखा देते है सुखा देने के बाद उसमे से केसर निकाल लेते है और फिर धुप में सुखा देते है धुप में अच्छी तरह से सूखने के बाद केसर बाजार में बिकने लायक हो जाता है |
©लवकुश
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